भांजे कृष्णा अभिषेक की किस बात पर भड़के मामा गोविंदा? मामी सुनीता आहूजा ने भी धो डाला !

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कृष्णा अभिषेक और गोविंदा के बीच की खटरपटर तो जग जाहिर है। दोनों की नाराजगी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कॉमेडियन अक्सर अपने चीची मामा के बारे में हर एक छोटी-सी छोटी चीज शेयर करते रहते हैं। महीनों पहले दिए एक इंटरव्यू में भी कॉमेडियन ने बताया था कि माम गोविंदा ने उनकी मुश्किल समय में खूब मदद की थी। कहा था कि एक्टर उन्हें हमेशा 2000 रुपये हर महीने दिया करते थे। इतना ही नहीं, आरती की फीस वह भरते थे। अब इन्हीं बातों का जिक्र जब गोविंदा और उनकी पत्नी सुनीता के सामने किया गया तो वो बिफर गए। उन्होने इस मामले पर अपना पक्ष रखा और अपने हिस्से का सच सुनाया है।

दरअसल, एंटरटेनमेंट पोर्टल ‘बॉलीवुड बबल’ से गोविंदा (Govinda) और सुनीता आहूजा ने खास बातचीच की। इस दौरान उनसे आरती सिंह और कृष्णा अभिषेक के पुराने इंटरव्यू का जिक्र किया गया तो सुनीता भड़क गईं। उन्होंने कहा- कोई बकवास सवाल नहीं पूछना। अगर गोविंदा को जवाब देना है तो दें लेकिन मैं नहीं दूंगी। क्योंकि जो भी उन दोनों ने आपके इंटरव्यू में कहा है, वो सच नहीं है। इसलिए मैं इरिटेट हो रही हूं। अब गोविंदा उनसे कभी कुछ नहीं कहेंगे। मैं तो अब पछताती हूं कि उसका हालचाल मैंने क्यों लिया। इसके बाद गोविंदा उन्हें शांत रहने के लिए कहते हैं।

गोविंदा कहते हैं- हर इंसान का अपना नेचर होता है। ऐसे मेरा मानना है। घर परिवार की बातें मीडिया के जरिए डिस्कस नहीं हो तो वो ज्यादा अच्छा होता है। तभी सुनीता उनको टोंक देती हैं और पूछती हैं कि उन लोगों ने जो आपके बारे में झूठ कहा वो ठीक है।

उससे आपको कोई दिक्कत नहीं है। एक्टर ने गुस्साते हुए पूछा कि उसने क्या बोला? सुनीता बताती हैं- बोला उसने कि चीची मामा ने हमें 2000 रुपये दिया। कुछ हेल्प नहीं किया। तो जब वो कहते हैं कि आपके साथ सब ठीक है तो यह सही नहीं है जब वो मीडिया में बात करने की परवाह नहीं करते हैं और मुझे नहीं पता कि आप इतने परेशान क्यों होते हैं।

गोविंदा बताते हैं- उस समय जो है… मेरा ऐसा सोचना है कि… सबका मम्मी तय करती तीं। इन सभी का और इन लोगों के पास में क्या कहा गया है और छोटे थे तो क्या कहानी इनको दिखाई गई है। क्या कहानियां तय की गई है। होता क्या है कि आप जिस वक्त बहुत ख्याल कर रहे होते हैं तो आपकी अच्छाई को किडनैप करदी जाती है कि इन्होंने कुछ भी नहीं किया। हमने करा है जो भी हम कर रहे हैं। ऐसा हो जाता है कि जो कर रहा होता है वो सोच रहा होता है कि उसने तो अच्छा किया है।

गोविंदा ने आगे कहा- इनके जो पिता थे वो बहुत ही देवता आदमी थे। और बहुत शरीफ थे। जो बहन थी वो मेरी सबसे पसंदीदा थी। इसीलिए मैं इन लोगों के लिए ज्यादा कहा-सुनी, इन सब चीजों में पड़ता नहीं हूं। आप तारीफ नहीं करते हैं तो मैं और धन्यवाद दूंगा कि इसी तरह की जो आपकी सच्चाई है वो समाने आए तो अच्छा लगता है।

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