तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में मे किरदारों से इतर एक और किरदार है जिसे काफी पसंद किया जाता है. नो टप्पू सेना का दोस्त तो सोसायटी वाले उसे भाई मानते हैं. जी हां…हम बात कर रहे हैं अब्दुल की. जो पिछले 15 सालों से शो के अहम हिस्से रहे हैं.
इस किरदार को शरद सांकला निभाते आ रहे हैं और अब यही रोल उनकी खास पहचान बन चुका है कभी टीवी की चार्ली चैपलिन के नाम से मशहूर शरद आज अब्दुल के नाम से ही जाने जाते हैं.
पहली फिल्म में मिले थे महज 50 रूपए
जी हां…1990 में फिल्म रिलीज हुई थी वंश, इसमें कुछ मिनटोंका रोल था इनका जिसके लिए उन्हें तब 50 रूपए ही मिले थे. लेकिन इसमें उनके काम को नोटिस किया गया और उन्हें छोटे मोटे कॉमिक रोल मिलने लगे. कभी चौकीदार तो कभी मेन हीरो के दोस्त के रूप में नजर आने लगे. लेकिन उन्हें असल पहचान मिली तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो से जिससे वो 2008 से जुड़े थे. लेकिन ये भी इनके सच है कि इस सो से पहले तक लगभग 8 साल शरद बेरोजगार भी रहे थे.
खुली किस्मत, आज हैं बेहद अमीर
वो कहते हैं ना कि जो किस्मत में हो वो मिल ही जाता है. इनकी किस्मत भी पलटी और इन्हें तारक मेहता जैसा शो मिला. 2008 में वो इससे जुड़े और आज तक इसका हिस्सा हैं. इसी शो की कमाई की बदौलत अब्दुल आज इतने अमीर हैं कि मुंबई में उनके दो-दो रेस्टोरेंट हैं. पार्वे प्वाइंट जुहू तो दूसरा चार्ली कबाब मुंबई के अंधेरी इलाके में हैं.
अब्दुल यानि शरद सांकला की माने तो उन्होंने रेस्टोरेंट की शुरुआत इस वजह से की कि अगर कल को एक्टिंग छोड़नी पड़े या फिर शो बंद हो जाए तो उनकी आमदनी पर ज्यादा असर ना पड़े.