कालसर्प दोष से पाना चाहते हैं मुक्ति तो इस महाशिवरात्रि पर करें ये अचूक उपाय, जीवन के कई कष्टों से मिलेगा छुटकारा !

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वैसे तो शिवरात्रि हर महीने आती है, लेकिन फाल्गुन मास की शिवरात्रि सबसे अहम होती है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन को मां आदिशक्ति और भगवान शंकर के मिलन के तौर पर देखा जाता है और भक्त इसे महाशिवरात्रि कहते हैं. इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ और व्रत करने से जीवन के कई कष्टों से मुक्ति मिलती है और बहुत से दोष दूर होते हैं. आज महाशिवरात्रि के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय बताएंगे.

कालसर्प दोष
इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को शनिवार के दिन मनाई जाएगी. इस साल महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष और सर्वार्थ सिद्ध का भी सुखद संयोग है. ऐस में इस दिन का धार्मिक महत्व काफी बढ़ गया है. कालसर्प दोष की बात करें तो जब यह किसी जातक की कुंडली में होता है तब उसे कई तरह की तकलीफों का सामना करना पड़ता है.

काल सर्प दोष कई प्रकार के होते हैं. इनमें अनन्त कालसर्प दोष, कुलिक कालसर्प दोष, वासुकि कालसर्प दोष, शंखपाल कालसर्प दोष, पद्म कालसर्प दोष, महापद्म कालसर्प दोष, तक्षक कालसर्प दोष, कर्कोटक कालसर्प दोष, शंखचूड़ कालसर्प दोष, घातक कालसर्प दोष, विषधर कालसर्प दोष, शेषनाग कालसर्प दोष शामिल हैं.

उपाय
ऐसे में अगर कालसर्प दोष से पीड़ित जातक, इससे बचना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए. महाशिवरात्रि पर उज्जैन में महाकालेश्वर या नासिक में त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग या प्रयागराज में तक्षकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा और रुद्राभिषेक करने से इस दोष से छुटकारा मिलता है. वहीं, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को चांदी के नागों का जोड़ा चढ़ाने और महामृत्युंजय मंत्र का दिन में दो बार जाप करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.

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