शनिदेव इंसान को उनके अच्छे और बुरे कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं. हालांकि, लोग उनका नाम सुनते ही भयभीत हो जाते हैं. शनिदेव मकर और कुंभ दो राशियों के स्वामी हैं. ऐसे में शनिदेव को ये दो राशियां बहुत प्रिय हैं. हालांकि, इसके अलावा भी कुछ ऐसी राशियां हैं, जो उनको काफी पसंद हैं. इन राशियों पर जब शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चलती है, तब भी उनको ज्यादा कष्ट नहीं उठाना पड़ता है.
मकर राशि: शनि देव मकर राशि के स्वामी हैं, इसलिए यह राशि उनकी प्रिय मानी जाती है. शनि की ढैय्या हो या साढ़ेसाती का समय, इस दौरान भी मकर राशि वालों को अधिक कष्ट नहीं होता है. शनिदेव की मकर राशि वालों पर विशेष कृपा बनी रहती है.
कुंभ राशि: कुंभ राशि के स्वामी शनिदेव माने जाते हैं, इसलिए उनकी कृपा दृष्टि हमेशा इस राशि वालों पर बने रहती है. उनके आशीर्वाद से इस राशि वालों को कभी धन से जुड़ी समस्या परेशान नहीं करती हैं, इसलिए ये लोग आर्थिक तौर पर मजबूत रहते हैं.
वृष राशि: शनिदेव वृष राशि पर खासे मेहरबान रहते हैं. वृष के स्वामी शुक्र माने जाते हैं और उनकी राशियों में शनि योगकारक माने जाते हैं. ऐसे में शनिदेव वृष राशि वालों को अशुभ प्रभाव नहीं देते हैं. ऐसे में वृष इनकी प्रिय राशियों में शामिल हैं.
तुला राशि: शनिदेव को तुला राशि भी काफी प्रिय है. इस राशि के स्वामी भी शुक्र माने जाते हैं. शनि तुला राशि में उच्च के होते हैं. ऐसे में जब इस राशि में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगी हो, तब भी अधिक कष्ट नहीं देते हैं. शनिदेव इस राशि वालों की प्रगति में काफी मदद करते हैं.
धनु राशि: धनु राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति माने जाते हैं. शनिदेव का बृहस्पति के साथ सम संबंध रहता है, इसलिए धनु राशि वालों पर शनि की विशेष कृपा रहती है. इस राशि वालों को शनिदेव की वजह से ज्यादा कष्ट नहीं उठाना पड़ता है. शनि इस राशि वालों को धन लाभ कराते हैं.