एक बार फिर ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर विवाद शुरू हो गया है। नौ महीने पहले सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली विवेक अग्निहोत्री की फिल्म एक बार फिर चर्चाओं में आ गई है। दरअसल, हाल ही भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के ज्यूरी हेड नदव लापिड ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को सबके सामने उजाकर करने वाली फिल्म को भद्दी और प्रोपेगेंडा पर आधारित फिल्म बताकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। सोशल मीडिया पर फिल्म मेकस के पक्ष और विपक्ष में आवाज उठने लगी है। आइए जानते हैं अनुपम खेर से लेकर विवेक अग्निहोत्री तक किसने क्या कहा…
अनुपम खेर
इस्राइल के फिल्म निर्माता नदव लापिड के बयान की निंदा करते हुए अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर की है। अभिनेता ने लिखा, ‘झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो.. सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है..’। इतना ही नहीं अभिनेता ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते वक्त कहा, ‘हम जूरी हेड और इस्राइल के फिल्मकार नादव लापिड को सही तरीके से जवाब देंगे। यहूदी नरसंहार (holocaust) सही है तो कश्मीरी पंडितों का पलायन (exodus) भी सही है। यह टूलकिट गैंग के एक्टिव होने के तुरंत बाद हुआ, लगता है प्री-प्लैंड था। उनके लिए इस तरह का बयान देना शर्मनाक है। एक यहूदी समुदाय से आने वाले, जिसने प्रलय का सामना किया, उसने ऐसा बयान देकर उन लोगों को भी पीड़ा दी है, जिन्होंने कई साल पहले इस त्रासदी को झेला था। ईश्वर उसे सद्बुद्धि दे ताकि वह हजारों-लाखों लोगों की त्रासदी का इस्तेमाल अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए न करे।’
झूट का क़द कितना भी ऊँचा क्यों ना हो..
सत्य के मुक़ाबले में हमेशा छोटा ही होता है.. pic.twitter.com/OfOiFgkKtD— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 28, 2022
भारत के 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के जूरी बोर्ड ने इस्राइल फिल्म निर्माता नादव लापिड द्वारा ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर की गई टिप्पणियों को “उनकी निजी राय” बताते हुए उनसे दूरी बना ली है। जूरी सुदीप्तो सेन ने बोर्ड की तरफ से बयान जारी करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “53वें IFFI के समापन समारोह के मंच से जूरी के अध्यक्ष नादव लापिड द्वारा फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ के बारे में जो कुछ भी कहा गया है, वह पूरी तरह से उनकी निजी राय थी। जूरी बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर कभी भी अपनी पसंद या नापसंद के बारे में कभी कुछ नहीं कहा है।”
#IFFI #IFFI2022 @nfdcindia @ianuragthakur pic.twitter.com/GBhtw0tH6C
— Sudipto SEN (@sudiptoSENtlm) November 28, 2022
वहीं, बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर IFFI जूरी हेड के पक्ष में सामने आई हैं। अभिनेत्री ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर दिए गए बयान को साझा करते हुए लिखा, ‘जाहिर तौर पर ये दुनिया के लिए बहुत स्पष्ट है…’।
इस्राइल के काउंसिल जनरल कोब्बी शोशानी, आईएफएफआई के जूरी हेड की टिप्पणी पर भड़क गए हैं। उन्होंने जूरी हेड के बयान को गलत बताते हुए कहा, ‘जब मैंने फिल्म देखी तो मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे थे। यह फिल्म देखना आसान नहीं था। मुझे लगता है कि इसे इस्राइल में भी दिखाया गया था। हम यहूदी हैं, जो भयानक चीजों से पीड़ित हैं और मुझे लगता है कि हमें दूसरों की पीड़ा को समझना होगा।
When I saw the film, tears came from my eyes. It was not an easy film to see.I think it was shown in Israel too.We’re Jews who suffered from horrible things&I think we’ve to share other’s suffering: Kobbi Shoshani, Consul Gen of Israel on IFFI Jury Head’s remarks on #KashmirFiles pic.twitter.com/a9axUKGYbQ
— ANI (@ANI) November 29, 2022
अशोक पंडित ने भी इस्राइल के फिल्मकार के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘इस्राइल फिल्मकार नादव लापिड ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को भद्दी फिल्म बताकर आतंकियों के खिलाफ भारत की लड़ाई का मजाक उड़ाया है। उन्होंने साल लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है। यह भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) की विश्वसनीयता के लिए बड़ा झटका है।
#Israeli filmmaker #NadavLapid has made a mockery of India’s fight against terrorism by calling #KashmirFiles a vulgar film .
He has insulted 7 lac #KashmiriPandits under the nose of the #BJP govt .
Its a big blow to #IFFIGoa2022 ‘s credibility.
Shame .— Ashoke Pandit (@ashokepandit) November 28, 2022
रणवीर शौरी ने लिखा, ‘एक फिल्म का वर्णन करने के लिए जूरी द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा बेहद गलत थी। इसमें से राजनीति की गंध आ रही है। सिनेमा हमेशा से सच्चाई और बदलाव के मुद्दों पर बनाई गई फिल्मों के लिए जाना जाता है। न कि इसे दबाने के लिए। आईएफएफआई में राजनीतिक अवरसवाद का शर्मनाक प्रदर्शन।’
The singling out of a film and the language used to describe it is completely unbecoming of a film jury or critic. It reeks of politics. Cinema has always been the harbinger of truth & change, not an agent to stifle or snuff it. Shameful display of political opportunism at #IFFI.
— Ranvir Shorey (@RanvirShorey) November 28, 2022
जहां सभी लोग नादव लापिड के दिए बायन का विरोध कर रहे हैं, वहीं शिव सेना के एमपी संजय राउत उनके पक्ष में बोलते दिखाई दिए हैं। राउत ने कहा कि विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ का राजनीतिकरण किया गया था और इसकी रिलीज के बाद ज्यादा कश्मीरी पंडितों को मार दिया गया। इतना ही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि फिल्म एक पार्टी द्वारा दूसरी के खिलाफ दुष्प्रचार किया गया है। राउत बोले, ‘फिल्म का राजनीतिकरण किया गया था और पार्टी और सरकार फिल्म के प्रचार में व्यस्त थी … लेकिन कश्मीर में सबसे ज्यादा हत्याएं इस फिल्म के बाद हुईं। कश्मीरी पंडित और सुरक्षाकर्मी मारे गए। फिल्म के बाद कश्मीरी पंडितों पर हमले बढ़ गए।’