इंसान को दरिद्रता और कर्ज में डुबो देते है ये 3 गृह, गरीबी से निजात पाने के लिए कर लें बस ये उपाय, जल्द ही मिलेगा समाधान !

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व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की खराब दशा का प्रभाव पड़ता है. ऐसे में व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आर्थिक स्थिति खराब होने लगती है, व्यक्ति कर्ज में डुबने लगता है और कंगाली छा जाती है. ये सब कुछ क्रूर और पापी ग्रहों की खराब दशा के कारण होता है. व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के लिए ये तीन ग्रह जिम्मेदार माने गए हैं. कुंडली में इनकी खराब स्थिति व्यक्ति को पाई-पाई का मोहताज बना देती है. आइए जानें इन ग्रहों के बारे में.

राहु ग्रह- 

वैदिक ज्योतिष में राहु ग्रह को छाया ग्रह माना गया है. कहते हैं कि किसी जातक की कुंडली में अगर राहु शुभ ग्रहों के साथ होता है,तो शुभ फलों की प्राप्ति होती है. लेकिन अशुभ ग्रहों के साथ होने पर अशुभ फल देने लगता है. राहु के अशुभ होने से व्यक्ति के स्वास्थ्य पर तो फर्क दिखता ही है. साथ ही, आर्थिक स्थिति भी बिगड़ती जाती है. राहु की अशुभ स्थिति से बचने और शुभ प्रभावों के लिए नियमित रूप से राहु के ऊँ रां राहवे नम: मंत्र का जाप एक माला करें.

शनि ग्रह-

ज्योतिष अनुसार शनि ग्रह सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है. इसलिए किसी भी जातक की कुंडली में ये लंबे समय तक रहता है. जिस जातक की कुंडली में साढ़े साती, ढैय्या और महादशा होती है, वो लंबे समय तक इससे परेशान रहता है. शनि की क्रूर दृष्टि के चलते व्यक्ति को नौकरी, बिजनेस में घाटे का सामना करना पड़ता है. आर्थिक स्थिति का कमजोर होना, विवाह में अड़चन आदि मामलों का सामना करना पड़ता है.

अगर आप शनि की क्रूर दृष्टि से बचना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन सरसों का तेल अर्पित करें. साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं. शनि दोष से बचने के लिए घोड़े की नाल का छल्ला बनवा कर बीच वाली अंगुली में धारण करें.

मंगल ग्रह-

इसे सभी ग्रहों में उग्र ग्रह माना जाता है. मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है. व्यक्ति के जीवन में मंगल की खराब स्थिति उथल-पुथल पैदा करती है. किसी भी जातक की कुंडली में मंगल के छठवें, आठवें और दसवें भाव में होने पर धन हानि बढ़ती है. छटे भाव में कर्ज में वृद्धि होती है. मंगल के शुभ प्रभावों के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें. साथ ही ज्योतिष की सलाह के अनुसार मूंगा रत्न धारण करें.

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