कल है गुप्त नवरात्रि का पहला दिन, जानें कैसे करें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना !

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Gupt Navratri 2022 Ghat Sthapna: हिंदी पंचाग के अनुसार साल में चार बार मां दुर्गा के नवरात्रि मनाए जाते हैं. इसमें दो बार शारदीय और चैत्र नवरात्रि. इन्हें देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, दूसरे गुप्त नवरात्रि जो कि माघ और आषाढ़ में आते हैं.

इस बार आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू हो रहे हैं. गुप्त नवरात्रि में तंत्र-मंत्र और तंत्र विद्या के लिए साधना की जाती है. आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि के दिनों में क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

गुप्त नवरात्रि के दिनों में क्या करें और क्या नहीं

गुप्त नवरात्रि के दिनों में भी मां दुर्गा की उपासना की जाती है. इस दौरान 9 दिन तक ब्रह्मचर्य व्रत का पालन किया जाता है. गुप्त नवरात्रि में तामस्कि भोजन का त्याग करें. इस दौरान भक्तों को बिस्तर का त्याग कर कुश की चटाई पर शयन करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिनों में पीले रंग या लाल रंग के वस्त्रों को धारण करना चाहिए. अगर गुप्त नवरात्रि के व्रत रख रहे हैं, तो इस दौरान निर्जला या फलाहार करें. मां दुर्गा की उपासना सच्चे मन से करें. भोजन में लहसुन व प्याज शामिल न करें. माता-पिता की सेवा और आदर करें.

गुप्त नवरात्रि का महत्व

मां दुर्गा के गुप्त नवरात्रि में तंत्र-मंत्र, जादू टोना, वशीकरण आदि सिद्धियों की प्राप्ति के लिए साधना की जाती है. साथ ही, मां दुर्गा की कठिन तपस्या और भक्ति से मां प्रसन्न होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है.

मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा

इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूप शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी माता की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है.

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